kisan samman nidhi yojana me aavedan kaise kare,इन किसानो को नहीं मिलेगा... - TARGET IS POSSIBLE

Breaking

Wednesday, February 6, 2019

kisan samman nidhi yojana me aavedan kaise kare,इन किसानो को नहीं मिलेगा...



इन किसानों को नहीं मिलेगी 6000 रुपये की सहायता, कहीं आप तो नहीं हैं इनमें?

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का फायदा लेने के लिए कंडीशन अप्लाई, ताकि असली किसानों को ही मिले लाभ...

नमस्कार दोस्तों आज के साथ का के माध्यम से हम लोग यह जानने की कोशिश करेंगे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत कौन से ऐसे किसान आएंगे जिनको यह लाभ नहीं मिलेंगे इसकी पूरी जानकारी में साथ कल के माध्यम से आप लोगों को देने वाला हूं आप लोग बड़े यह मेरे साठी कल के साथ पूरी जानकारी आपको मिलने वाली है

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत सालाना  6000  रुपये की सहायता लेने के लिए सरका ने कंडीशन अप्लाई कर दिया है. ताकि जो असल में खेती-किसानी करते हैं उन्हीं को इसका लाभ मिले. इसका लाभ उन किसानों  को मिलेगा जिनका नाम 2015-16 की कृषि जनगणना में आता है. सरकार ने पिछले साल इसे जारी किया था.
लघु एवं सीमांत किसान परिवार की परिभाषा में ऐसे परिवारों को शामिल किया गया है, जिनमें पति-पत्नी और 18 वर्ष तक की उम्र के नाबालिग बच्चे हों और ये सभी सामूहिक रूप से दो हेक्टेयर यानी करीब 5 एकड़ तक की जमीन पर खेती करते हों. यानी पति-पत्नी और बच्चों को एक इकाई माना जाएगा. जिन लोगों के नाम 1 फरवरी 2019 तक लैंड रिकॉर्ड में पाया जाएगा वही इसके हकदार होंगे.
कृषि विभाग से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि भूतपूर्व या वर्तमान में संवैधानिक पद धारक, वर्तमान या पूर्व मंत्री, मेयर या जिला पंचायत अध्यक्ष, केंद्र या राज्य सरकार में अधिकारी एवं 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा. पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, आर्किटेक्ट, जो कहीं खेती भी करता हो उसे इस लाभ का हकदार नहीं माना जाएगा.
लाभ के लिए कृषि विभाग में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. प्रशासन उसका वेरीफिकेशन करेगा. इसके लिए जरूरी कागजात होने चाहिए. जिसमें रेवेन्यू रिकॉर्ड में जमीन मालिक का नाम, सामाजिक वर्गीकरण (अनुसूचित जाति/जनजाति), आधार नंबर, बैंक अकाउंट नंबर, मोबाइल नंबर देना होगा.
यह योजना एक दिसंबर 2018 से लागू है, इसलिए 31 मार्च से पहले 2000 रुपये की पहली किस्त किसानों के अकाउंट में आ जाएगी. केंद्र सरकार का दावा है कि इससे 12 करोड़ किसानों को लाभ होगा. इस योजना पर सरकार 75 हज़ार करोड़ रुपए खर्च कर रही है.
मोदी सरकार का मानना है कि कृषि कर्जमाफी किसानों की समस्या का हल नहीं है. रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी कृषि कर्जमाफी की पिछले दिनों आलोचना की थी. यही नहीं हरित क्रांति के जनक माने जाने वाले एमएस स्वामीनाथन भी कर्जमाफी का समर्थन नहीं किया. इसीलिए मोदी सरकार ने कर्ज माफी की बजाय किसानों को  सीधे फायदा देने का फैसला किया. कृषि कर्जमाफी के मसले पर मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से मात खाने के बाद सरकार पर इसकी काट में कोई योजना ले आनेे का दबाव था.
यह तेलंगाना और ओडिशा जैसा मॉडल है, जहां किसानों को सीधे कैश में सहायता की जा रही है. हमने पहले ही लिखा था कि सरकार ओडिशा या तेलंगाना मॉडल की तर्ज पर किसानों की सहायता का बड़ा ऐलान कर सकती है जो कर्जमाफी से अलग होगी. सरकार ने ऐसा ही किया.
यह दोनों सरकारें किसानों को केंद्र सरकार की इस योजना से अधिक सहायता दे रही हैं. तेलंगाना में किसानों को 8000 रुपये सालाना मिल रहा है. ओडिशा में 10,000 रुपये दिए जाने का ऐलान हुआ है. कृषि अर्थशास्त्री देविंदर शर्मा ने सवाल उठाया है कि जब दो राज्य सरकारें आठ से 10 हजार रुपये सालाना दे रही हैं तो केंद्र सरकार इतनी कम रकम क्यों प्रस्तावित कर रही है. हालांकि बीजेपी यह कह कर इस योजना को भुना रही है कि अब तक किसी भी सरकार नेेे राष्ट्रीय स्तर पर किसानों को ऐसी मदद नहीं की है. भविष्य में इसकी रकम बढ़ाई जा सकती है.
कितने करोड़पति किसान
सीबीडीटी के मुताबिक 2006-07 से 2014-15 तक  1 करोड़ से ज्यादा कृषि आय दिखाने वाले 2746 मामले आए हैं. बताया गया है कि इनमें से ज्यादातर नेता हैं, जो अपनी आय कृषि में दिखते हैं. हमारे 15.85 फीसदी सांसद खुद को किसान बताते हैं. विशेषज्ञों का दावा है कि ऐसे किसान 6000 वाली सहायता के हकदार नहीं होंगे.

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad